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volume 3 issue 12

दलित विमर्श और 'दलित देवो भाव'

Abstract

साहित्य का उद्देश्य ही समाज का कल्याण होना चाहिए । मतलब जिस साहित्य में ’बहुजन हिताये और बहुजन सुखायें का भाव होता है, वही साहित्य समाज को एक नई दिशा दिखा सकता है । समकालीन हिन्दी दलित साहित्य क्षेत्र में साहित्यकार का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने अपने जीवन के भोगे हुए यथार्थ को बड़ी ताजगी के साथ रचनाओं में अंकित किया है। उन्होंने अपनी रचनाओं में दलित समाज के बच्चे बूढ़े युवा-युवतियों, सभी वर्ग का प्रतिनिधित्व बड़ी क्षमता के साथ किया है। उनकी कहानियाँ यथार्थ के धरातल पर समाज का प्रतिनिधित्व करने के साथ दलित चेतना के विकास में भी सक्षम है। उनकी रचनाएँ स्वानुभूतियों का जीवंत दस्तावेज है। उन्होंने स्वयं सामाजिक विषमता का जहर पिया है, परिमाणतः दलित यातना से रूबरू कराती उनकी रचनाएँ प्रबल आक्रोश के रूप में फूट पड़ती है। दबी-कुचली मानवीय संवेदना को आंदोलित करती है और उन्हें क्रान्ति की पहल द्वारा अपनी समस्याओं का समाधान तलाशने में प्रेरित करती है।.

Keywords
  • बहुजन,
  • माज का कल्याण,
  • साहित्यकार
References
  • डॉ. कुसुम वियोगी, दलित महिला कथाकारों की चर्चित कहानियाँ, पृ. 22
  • अनुभूति के घेरे (कहानी संग्रह) प्रथम संस्करण, शरद प्रकाशन, नागपुर 1997, द्वितीय संस्करण नेहा प्रकाशन।
  • कैदी नं. 307 (सुधीर शर्मा के पत्र) प्रथम संस्करण, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, 2017
  • टूटता वहम् (कहानी संग्रह) प्रथम संस्करण, शरद प्रकाशन, नागपुर 1997, द्वितीय संस्करण अनिरूद्व बुक्स।
  • जरा समझो (कहानी संग्रह) प्रथम संस्करण, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, 2015 तुम्हें बदलना ही होगा (उपन्यास) प्रथम संस्करण, सामयिक प्रकाशन, नई दिल्ली, 2015
  • तुमने उसे कब पहचाना (काव्य संग्रह) प्रथम संस्करण, शरद प्रकाशन, नागपुर, 1995,द्वितीय संस्करण, स्वराज प्रकाशन, नई दिल्ली।
  • दलित साहित्य रू एक आलोचना दृष्टि प्रथम संस्करण, शिल्पायन प्रकाशन, नई दिल्ली , 2015
  • दलित लेखन में स्त्री चेतना की दस्तक, प्रथम संस्करण, अक्षर शिल्पी दिल्ली, 2017
  • नंगा सत्य (नाटक) प्रथम संस्करण, शरद प्रकाशन, नागपुर 2007, द्वितीय संस्करण, शिल्पायन दिल्ली, 2015
  • 10ण् नीला आकाश (उपन्यास) प्रथम संस्करण, विश्व भारती प्रकाशन, नागपुर 2013
  • परिवर्तन जरुरी है (लेख संग्रह) प्रथम संस्करण, शरद प्रकाशन, नागपुर, 1996, द्वितीय संस्करण, हाशिए का विमर्श, नेहा प्रकाशन, शाहदरा, दिल्ली।
  • मेरे साक्षात्कार (साक्षात्कार सूची) प्रथम संस्करण शिल्पायन प्रकाशन, नई दिल्ली 2016
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How to Cite

Malik, U. (2020). दलित विमर्श और ’दलित देवो भाव’. International Journal of Multidisciplinary Research and Studies, 3(12). Retrieved from https://ijmras.com/index.php/ijmras/article/view/165

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